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इतिहास

मध्यप्रदेश स्टेट को-आपरेटिव्ह बैंक लि. का पंजीकरण दिनांक 2.4.1912 (को-आपेरटिव्ह एक्ट 1912, धारा (2) अंतर्गत ) को जबलपुर में "Provisional Cooperative Bank Ltd Central Provinces’’ के नाम से किया गया एवं इसके पश्चात बैंक का मुख्यालय नागपुर में स्थानांतरित हुआ। बैंक द्वारा अपना कार्य व्यवसाय मात्र 5.00 लाख की पूंजी से प्रारंभ किया गया था, जिसका प्रमुख उद्देश्य  कृषि ऋण हेतु वित्त पोषण था। आरंभ में बैंक के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर में व्यक्तिगत शेयर होल्डरों को नामांकित किया जाता था, ताकि बैंक को लोकतांत्रिक दर्जा दिया जा सके। भविष्य में बैंक द्वारा संकलित अधिकतम शेयर को सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैकों में स्थानांतरित किया गया ताकि बैंक के बोर्ड में संस्थागत प्रतिनिधि आ सके। 

वर्ष 1956 में मध्यप्रदेश को-आरेटिव्ह बैंक लि. नागपुर का विभाजन होने से महाकौशल को-आपरेटिव्ह बैंक जबलपुर का निर्माण हुआ, जिससे 14 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक संबद्ध हुए। वर्ष 1956 में ही देश में प्रदेशों का पुनर्गठन होने से 1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ, इसी के साथ महाकौशल को-आपरेटिव्ह बैंक का नाम बदलकर ‘‘मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्या.’’ ( M.P. State Cooperative Bank Ltd ) किया गया । उसके साथ 56 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रदेश में खोले गये, ताकि 1 जिले में 1 बैंक कार्यरत हो। जिला बैकों की संख्या वर्ष 1956 में 52, 1961 में  48, वर्ष 1966 में 44, 1968 में 43 एवं अंतिम रूप से 45 जिला बैकें भोपाल एवं रायसेन के पृथक होने से कार्यरत हुई। नवम्बर 2000 में पुनः मध्यप्रदेश राज्य का विभाजन कर छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया, जिसमें कार्यरत प्रदेश के 7 जिला सहकारी केन्द्रीय बैकों को छत्तीसगढ़ राज्य में स्थानांतरित किया गया । अतः वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य में 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कार्यरत हैं। 

 प्रोफाइल

मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक (शीर्ष बैंक) एक विशिष्ट संस्थान है तथा दीर्धकालीन, मध्यकालीन एवं अल्पकालीन कृषि ऋण का वितरण प्रदेश में नाबार्ड की सहायता से जिला बैकों एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों एवं अन्य ग्रामीण तबको को उनकी आवश्यकता अनुसार  वित्त पोषण हेतु उपलब्ध कराया जाता है। शीर्ष बैंक की स्वयं की 24 शाखायें पूरे प्रदेश में कार्यरत हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार की आकर्षक ऋण एवं बचत योजनायें संचालित की जाती है। शीर्ष बैंक की प्रमुख भूमिका है कि वह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मध्यप्रदेश में कृषि/अकृषि ऋण नाबार्ड की विभिन्न योजनान्तर्गत उपलब्ध कराये साथ ही व्यक्तिगत ऋण अंतर्गत ग्राहकों को व्यवसाय ऋण, आवास ऋण, त्यौहार ऋण, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा ऋण, प्रोजेक्ट ऋण, वाहन ऋण आदि प्रदान करें।

शीर्ष बैंक द्वारा प्रदान किए गए कृषि ऋण और अग्रिम हैं :-

1.      एस.टी (एस.ए.ओ) उत्पादन ऋण।

2.      तिलहन उत्पादन कार्यक्रम।

3.      दालों के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम।

4.      विकास जनजातीय आबादी के लिए क्रेडिट सीमा।

5.      एस.टी अन्य फसलों के लिए क्रेडिट सीमा।

6.      मध्यम अवधि रूपांतरण / जोर ऋण।

7.      छोटे सीमांत किसानों को ऋण का वितरण।

8.      उर्वरक नकदी क्रेडिट सीमा।

9.      किसान क्रेडिट कार्ड योजना।

10.    एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम / स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार (एस.जी.एस.वाई)।


गैर कृषि वित्त :

1.     औद्योगिक सहकारी इकाइयों के शेयरों की खरीद के लिए वित्तपोषण।

2.     रासायनिक उर्वरकों के वितरण के लिए वित्त।

3.     कार्यशील पूंजी के लिए वित्त।

4.     कृषि-औद्योगिक सहकारी इकाइयों का वित्त।

5.     सी.सी कृषि उत्पादों की खरीद और विपणन के लिए सीमाएं।

6.     सार्वजनिक वितरण योजना के लिए वित्तीय आवास।

7.     सहकारी प्रसंस्करण इकाइयों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए वित्त पोषण।

8.     बुनकर और औद्योगिक सहकारी इकाइयों के लिए वित्तीय आवास।

9.     सहकारी समितियों और अन्य संस्थानों के लिए वित्तीय आवास।

10.   प्रतिज्ञा गहने के खिलाफ ऋण।

11.   एफ.डी.आर / के.वी.पी / एन.एस.सी / आर.डी के खिलाफ ऋण।

जमा योजनाएं :-

1.     बचत बैंक जमा।

2.     आवर्ती जमा।

3.     वर्तमान जमा।

4.     सावधि जमा।

5.     फ्लेक्सी जमा।

6.     वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा।

7.     कर बचत अवधि जमा।

अन्य सेवाएं और सुविधाएं :-

1.    ई-मनी ट्रांसफर - एन.ई.एफ.टी / आर.टी.जी.एस / आई.एम.पी.एस।

2.    लॉकर्स सुविधाएं।

3.    एस.एम.एस सेवाएं।

4.    मांग पत्र।

5.    ए.टी.एम सेवाएं।

6.    अन्य सामान्य बैंकिंग सेवाएं।

 निर्धारित प्रारूपों को पूरा करके खाते और सेवाओं को खोला / लाभ उठाया जा सकता है।

विवरण के लिए, हमारी नजदीकी शाखा से संपर्क करें।

 

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