मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक में केन्द्र सरकार द्वारा जारी विभिन्न योजनाऐं
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना :-
1 |
बीमित कृषक: |
किराये पर भूमि लेने वाले कृषक/बटाईदार कृषक भी फसल बीमा हेतु पात्र |
2 |
बीमा की इकाई : |
मुख्य फसलों के लिये बीमा की इकाई पटवारी हल्का है एवं अन्य फसलों के लिये बीमा की इकाई तहसील है तथा स्थानीय प्राकृतिक आपदायें के लिये खेत इकाई होगी। |
3 |
बीमित राशि : |
बीमित राशि फसलो के लिये तय ऋणमान के मान से ली जावेगी। |
4 |
प्रीमियम दरें : |
कृषको हेतु प्रीमियम दर मौसम खरीफ में बीमित राशि का 2 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो तथा मौसम रबी में बीमित राशि का 1.5 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो लागू होगी, बागवानी (हार्टिकल्चर) फसलों हेतु 5 प्रतिशत की दर से एक मुश्त प्रीमियम कृषकों का कटेगा। कपास फसल के लिये प्रीमियम दर 5 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो लागू होगी। बीमा कंपनी को देय गई शेष प्रीमियम राशि का भुगतान 50-50 प्रतिशत के मान से भारत शासन एवं राज्य शासन द्वारा वहन किया जावेगा। |
5 |
जोखिम कवरेज : |
(क) प्राकृतिक रूप से आग लगना और बिजली का गिरना। |
6 |
हानि के आंकलन की प्रक्रिया : |
इस योजना में फसल कटाई प्रयोग के साथ-साथ हानि की गणना हेतु नेशनल रिमोट सेंसिंग टेक्नोलाजी के तहत सेटलाईट इमेजेस तथा मोबाईल एप द्वारा खेत की फोटो आदि का उपयोग भी किया जाना प्रस्तावित है। |
7 |
अऋणी कृषकों हेतु आवश्यक दस्तावेज : |
1) भूअधिकार पुस्तिका (2) सक्षम अधिकारी द्वारा बुवाई प्रमाण पत्र जो कि पटवारी अथवा ग्राम पचायत द्वारा प्रदान किया जावेगा। |
8 |
ऋणी कृषकोंहेतु आवश्यक दस्तावेज: |
1) भूअधिकार पुस्तिका (2) बैंक खाते की समस्त जानकारी सहित पूर्णतः भरा हुआ प्रस्ताव फार्म (3) पहचान पत्र-वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड |
9 |
पोर्टल व्यवस्था : |
बीमित कृषकों की फसल बीमा से सम्बधित जानकारी इलेक्ट्रानिक फार्म में भरने हेतु भारत शासन द्वारा पोर्टल तैयार कराया जावेगा। कृषकों की जानकारी तथा प्रमाण सीजन के लिये निर्धारित समयावधि से 15 दिवस में पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। |
10 |
क्लेम की सूचना : |
क्षेत्रीय प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति होने की सूचना दिया जाना अनिवार्य। किसान द्वारा 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को फसल नुकसान की सूचना निर्धारित प्रारूप में टोल फ्री नम्बर (प्रावधानित) पर, टोल फ्री न. उपलब्ध न होने की दषा में उक्त सूचना कृषि विभाग/ पेक्स/ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक/जिला स्तर के अन्य अधिकारी को लिखित में दिया जाना प्रावधानित। उपरोक्त स्थिति में प्रीमियम संकलित करने वाली बैंक संस्था को आपदा की सूचना प्राप्त होने के 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को संबंधित फसल के बीमित होने एवं प्रीमियम के प्रेषण का प्रमाण पत्र जारी किया जाना आवष्यक। |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश के 51 जिलों को 5 क्लस्टर में विभाजित किया गया है :-
क्लस्टर |
संभाग |
जिले |
ए |
उज्जैन, शहडोल |
उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर, देवास, आगर मालवा, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया |
बी |
इन्दौर, नर्मदापुरम |
इन्दौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खण्डवा, खरगोन, बडवानी, बुरहानपुर, हरदा, होशंगाबाद, बैतूल |
सी |
सागर, ग्वालियर |
सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ, पन्ना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर |
डी |
जबलपुर, रीवा |
जबलपुर, कटनी, मण्डला, बालाघाट, छिंदवाडा, नरसिंहपुर, डिण्डोरी, सिवनी, रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली |
ई |
भोपाल, चम्बल |
भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ, मुरैना, श्योपुर-कलां, भिण्ड |
नोट: फसल बीमा योजना के लघु दिशा निर्देशों के लिए यहां क्लिक करें।